Thursday 16 August 2012

एक बार मोहब्बत कर लो.....


खामोश निगाहों से कैसे, बाते कर ली जाती है
चेहरे से कैसे दिल की, हालत पढ़ ली जाती है
सारे सपने लेकर अपनी, दोनों आँखों में भर लो,
हाँ तुम भी जान जाओगी  एक बार मोहब्बत कर लो

भूख तो लगती नहीं, नींदे भी उड़ जाती है
ठंडी फिजायें मनो, दिल में कुछ कर जाती है
बंद करके पलके, उसको बाहों में भर लो
हाँ तुम भी जान जाओगी  एक बार मोहब्बत कर लो

दिन कही कटते नहीं, सूनी राते हो जाती है
आँखों में नमी सी, जब तब आती जाती है
अपने दोनों हाथो को, उसके हाथो में धर लो
हाँ तुम भी जान जाओगी  एक बार मोहब्बत कर लो

बिना किसी काम के, सबसे मसरूफ है रहते
कुछ सुनाई देता नहीं, जाने किस दुनिया में रहते
दिल की बात कभी तुम, अपनी जुबां से कर लो
हाँ तुम भी जान जाओगी  एक बार मोहब्बत कर लो

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