हम प्यार उसी से कर बैठे !!!
जिसको था हमसे प्यार नहीं ,
पल भर भी इकरार नहीं ,
जो खुद ही खुद में खुश थी इतना ,
जिसका मैं दिलदार नहीं ,
हम दिल उसके हवाले कर बैठे ,
हम प्यार उसी से कर बैठे !!!
जो अमलताश का अमर पत्र है ,
मैं सोनजुही में छुपने लायक ,
जो सारे जग की अभिलाषा है ,
मैं धरती का अदना गायक ,
जिसके जीवन में मेरे लिए ,
था क्षण भर भी श्रृंगार नहीं ,
हम दिल उसके हवाले कर बैठे ,
हम प्यार उसी से कर बैठे !!!!
जिसकी चाहत में गुमनाम हुए ,
जिसके दर्शन चारो धाम हुए ,
जो सदा सर्वदा दूर रही ,
मेरी किस्मत भी मजबूर रही ,
जिसे देख देख हम जीते हैं ,
आँखों में सपने रीते हैं ,
देखती है सब , वो कोई अंध नहीं ,
फिर भी मुझसे सम्बन्ध नहीं ,
हम दिल उसके हवाले कर बैटइ ,
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